प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3-4 अप्रैल, 2025 को थाईलैंड में आयोजित 6वें BIMSTEC शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जिसके बाद उन्होंने श्रीलंका का द्विदिवसीय दौरा किया। यह सम्मेलन बहु-क्षेत्रीय सहयोग, समुद्री सुरक्षा और आर्थिक विकास पर केंद्रित रहा, जिसमें PM मोदी ने भारत की “नेबरहुड फर्स्ट” और “एक्ट ईस्ट” नीतियों को मजबूती से प्रस्तुत किया।
BIMSTEC Summit 2025: Current Scenario Updates
तारीख | घटना | प्रमुख नतीजे |
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3 अप्रैल | PM मोदी का थाईलैंड पहुँचना, रामायण-आधारित रामकिएन नृत्य का अवलोकन | सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा; थाईलैंड द्वारा विशेष डाक टिकट जारी |
4 अप्रैल | BIMSTEC शिखर सम्मेलन: “समृद्ध, लचीला और खुला” विषय के तहत वार्ता | समुद्री परिवहन समझौते पर हस्ताक्षर; विजन 2030 दस्तावेज का अनावरण |
4 अप्रैल | भारत-थाईलैंड रणनीतिक साझेदारी की घोषणा | सुरक्षा, व्यापार और शिक्षा में सहयोग बढ़ाने पर सहमति |
5-6 अप्रैल | श्रीलंका दौरा: अणु्राधापुरा में भारतीय वित्तीय सहायता से निर्मित परियोजनाओं का उद्घाटन | ऊर्जा, बंदरगाह कनेक्टिविटी और आर्थिक सहयोग पर चर्चा |

BIMSTEC सम्मेलन के प्रमुख पहलू
- रणनीतिक साझेदारी का उन्नयन: थाईलैंड के साथ भारत ने रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की, जिसमें सुरक्षा एजेंसियों के बीच संवाद तंत्र स्थापित करने पर जोर दिया गया। PM मोदी ने कहा, “हम इंडो-पैसिफिक में एक खुले, समावेशी और नियम-आधारित व्यवस्था में विश्वास रखते हैं।”
- सांस्कृतिक कूटनीति: थाईलैंड ने PM मोदी को 108 खंडों वाली “त्रिपिटक” (बौद्ध ग्रंथ) भेंट की, जो भारत और बौद्ध राष्ट्रों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाता है।
- म्यांमार भूकंप पर संवेदना: PM मोदी ने 28 मार्च को म्यांमार में आए भूकंप में हुई जानहानि पर गहरा दुख व्यक्त किया।
- बांग्लादेश के साथ संपर्क: BIMSTEC डिनर में PM मोदी, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार यूनुस और नेपाल के PM ओली एक साथ देखे गए, जो क्षेत्रीय एकता का प्रतीक है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1: BIMSTEC के सदस्य देश कौन-कौन हैं?
A: भारत, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड।
Q2: इस शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
A: क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, व्यापार बाधाओं को कम करना और साइबर सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सहयोग बढ़ाना।
Q3: PM मोदी ने श्रीलंका दौरे में किन परियोजनाओं पर चर्चा की?
A: त्रिंकोमाली बंदरगाह विकास और पूर्वी आर्थिक कॉरिडोर पर सहयोग।
Q4: भारत-थाईलैंड संबंधों में रामायण की क्या भूमिका है?
A: थाईलैंड में रामकिएन नामक रामायण का सांस्कृतिक प्रदर्शन दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को दर्शाता है।